कंपनी निगमन एक कॉर्पोरेट इकाई या कंपनी बनाने की कानूनी प्रक्रिया है। यह कंपनी को उसके मालिकों से अलग कानूनी पहचान प्रदान करता है, व्यक्तिगत संपत्तियों की रक्षा करता है और कई कानूनी और वित्तीय लाभ प्रदान करता है। इस प्रक्रिया में विशिष्ट दस्तावेज़ दाखिल करना और सरकारी निकायों द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना शामिल है।

विवरण
व्यावसायिक संरचना चुनना: निगमन सही व्यावसायिक संरचना का चयन करने से शुरू होता है, जैसे कि एक निजी लिमिटेड कंपनी, सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी, एलएलपी (सीमित देयता भागीदारी), या एकमात्र स्वामित्व। संरचना नियामक ढांचे, कर उपचार और मालिकों की देयता निर्धारित करती है।

कंपनी का नाम पंजीकरण: चुना गया कंपनी का नाम अद्वितीय होना चाहिए और मौजूदा पंजीकृत व्यवसायों के साथ संघर्ष नहीं करना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनी जाँच की जाती है कि नाम स्थानीय अधिकार क्षेत्र की आवश्यकताओं का अनुपालन करता है।

मेमोरेंडम और एसोसिएशन के लेखों का मसौदा तैयार करना: ये दस्तावेज़ कंपनी के उद्देश्यों, परिचालन नियमों, निदेशकों की भूमिकाओं और शेयरधारिता के विवरण को रेखांकित करते हैं। वे परिभाषित करते हैं कि कंपनी कैसे शासित होगी।

निगमन दस्तावेज दाखिल करना: विशिष्ट निगमन दस्तावेज (जैसे, निगमन के लेख, एसोसिएशन का ज्ञापन) उचित सरकारी अधिकारियों को प्रस्तुत किए जाने चाहिए। ये दस्तावेज औपचारिक रूप से व्यवसाय को एक कानूनी इकाई के रूप में स्थापित करते हैं।

निदेशकों और शेयरधारकों की नियुक्ति: कंपनी को कम से कम एक निदेशक नियुक्त करना चाहिए और शेयरधारकों को परिभाषित करना चाहिए जो व्यवसाय में इक्विटी के मालिक होंगे। उनकी भूमिकाएँ और ज़िम्मेदारियाँ स्पष्ट रूप से बताई गई हैं।

आवश्यक लाइसेंस और परमिट प्राप्त करना: उद्योग के आधार पर, अतिरिक्त लाइसेंस और परमिट की आवश्यकता हो सकती है। ये कानूनी प्राधिकरण सुनिश्चित करते हैं कि व्यवसाय नियामक आवश्यकताओं का अनुपालन करता है।

कॉर्पोरेट पहचान संख्या (CIN) का आवंटन: सफल पंजीकरण के बाद, कंपनी को एक अद्वितीय CIN सौंपा जाता है, जो इसकी आधिकारिक कानूनी पहचान संख्या के रूप में कार्य करता है।

शेयर जारी करना: एक बार निगमित होने के बाद, कंपनी के शेयर शेयरधारकों को जारी किए जा सकते हैं। यह स्वामित्व हिस्सेदारी स्थापित करता है और शेयरधारकों को कंपनी के मुनाफे के एक हिस्से का हकदार बनाता है।

कर पंजीकरण और अनुपालन: नई निगमित कंपनियों को करों के लिए पंजीकरण करना होगा, जिसमें निगमन के देश के आधार पर करदाता पहचान संख्या (टीआईएन) या माल और सेवा कर (जीएसटी) संख्या प्राप्त करना शामिल है।

बैंक खाता खोलना: कंपनी के नाम पर एक कॉर्पोरेट बैंक खाता खोला जाता है, जिससे कंपनी को व्यक्तिगत संपत्तियों से अलग अपने वित्त का प्रबंधन करने की अनुमति मिलती है।

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